शब्द

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों , आज काफी दिनों बाद आपसे मुखातिब हूँ , कुछ मस्रुफ़ियतें थी और कुछ जिंदगी में एक बार फिर से किसी ऐसे रिश्ते (जिसकी भरपाई नहीं हो सकती )का साथ छूटने का गम और उदासी थी , कि आपसे बात नहीं हो पाई , माँ-पापा के बाद सासु माँ और अब ससुर जी के देहावसान ने मन को बहुत दुखी किया . इत्तेफाक़ ऐसा है कि किसी को भी आखिरी प्रणाम नहीं कर पाई ....बस सबसे आखिरी मुलाक़ातें और उनकी आखिरी बातें ही याद हैं ..... उनकी बातें जो शब्द - शब्द बन दिमाग में चलती हैं और मन को झकझोरती हैं ....अपनी श्रध्हांजलि अर्पित करती हूँ सबको . 'शब्द ' बहुत करामाती , करिश्माई होते हैं ....गर ये नश्तर हैं , नासूर हैं , जहर हैं....तो ये राहत हैं , दवा हैं और सुकून भी हैं . जीते जी मार देने की ताक़त है तो जिला देने का हुनर भी है इनमें ....बस फ़र्क है तो इस्तेमाल में ... ' ये बिलकुल बेकार है , इसके बस का कुछ नहीं '..' तुम रहने दो भाई तुमसे कुछ न होगा , धरती के बोझ हो तुम'..' भगवान ने क्या सोचकर तुम्हे बनाया है ' ..' तुमसे तो फलां - फलां ही बेहतर है '.... यूँ तो य...