हम हिन्दुस्तानी बने !

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों , बड़ी ही मजेदार लगी मुझे ये घटना जब हाल-फिलहाल में काम पर लगाई गयी मेरी कामवाली बाई ने (जिसे मैंने काम पर लगाने से पहले सिर्फ ईमानदारी, साफ़ काम करने और साफ़ -सुथरा आने की शर्त रखी थी ) काम के तीसरे दिन मुझसे बड़ी बेबाकी से पूछा ''दीदी आप कौन जात हैं ?'' एक क्षण को तो मुझे लगा कि शायद मुझे ही सुनने में गलती हुई है ..जब मैंने पूछा ,'' क्या बोल रही हो ?'' उसने कहा ''आप कौन जात हैं ?'' पूछने पर पता चला कि मेरे ही कॉलोनी में रहने वाली एक महिला ( सम्भ्रांत , अपने स्वयं के स्कूल की संचालिका एवं खुद को बड़े खानदान और काफी सुसंस्कृत परिवार का मानने वाली ) , जिनके यहाँ मेरी बाई पहले से काम करती है , ने बाई को ये कहकर धमकाया कि ,'' पता नहीं कौन जात हैं , क्या -क्या खाते होंगे उनके घर के बर्तन धोकर आओगी तो मैं काम नहीं कराऊंगी , हम लोग पूजा-पाठ करने वाले हैं ''. मैं इस बात की शर्त लगा सकती हूँ कि अपने स्कूल में प्रवेश देने के समय , टीचरों को नौकरी देते समय , डॉक्टर से दवाई लिखवाते समय या फिर होटलों या ठेलो...