जिम्मेदारी
नमस्कार नहीं बस प्यार दोस्तों , मेरी एक घनिष्ठ मित्र ने मेरी पोस्ट पर जब तारीफ के साथ मुझे निरंतरता बनाये रखने और जिम्मेदारी निभाने का एहसास कराया तो ख़ुशी हुयी ,मुझ पर उनके भरोसे को देखकर .... दिल से शुक्रिया . बड़ा ही आम शब्द है 'जिम्मेदारी' ...जिसको हम दूसरों के लिए बड़े ही कॉन्फिडेंस के साथ इस्तेमाल करते हैं ...मसलन - " तुम्हारी भी कोई जिम्मेदारी है की सब हम ही करे , कुछ जिम्मेदार बनो कितने बड़े हो गए हो/ हो गयी हो , हद हो गयी यहाँ तो किसी की कोई जिम्मेदारी ही नहीं है , .........इत्यादि इत्यादि . क्या है जिम्मेदारी ? कैसे और कहाँ से आती है ? क्या सब अपने हिस्से की निभा रहे हैं ? क्या दुसरो की नज़र में भी हम जिम्मेदार हैं (क्योकि अपनी नज़र में तो बस हम ही जिम्मेदार हैं ) . मेरे लिए जिम्मेदारी वैसे तो एक INBUILT FEATURE है , पर इसको बाहरी परिस्थितियों और जरूरतों के हिसाब से अपनाया भी जा सकता है (इच्छा होने पर ) लेकिन जिम्मेदारी के साथ जो कदम से कदम मिला कर चलती है या कहे की उसकी परछाई है वो है जवाबदारी .... यकीं मानिये ये एक रस्सी के दो सिरे हैं . माँ का बच्च...
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