OXYGEN ( MY FOOT)

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों ,

दिल बहुत दुःख रहा है ...साँस भी घुट रही है , सिर्फ सुनकर कि देश में साठ बच्चे पैसों , व्यापार या फिर जो कुछ भी आप नाम देना चाहें ..उसकी बलि चढ़ गए ...सिर्फ सुनकर दिल बैठ जाता है ...जब उन्होंने प्राण त्यागे होंगे तो वो कितना तड़पे होंगे ......ईमानदारी से सोचियेगा.... क्योकि ये कभी न भूलने वाला दर्द है ...ये माँ के जिगर के टुकड़े और बाप के सपनों का खून हुआ है  ....ये इंसानियत का खून हुआ है .

                                                        ' आक्सीजन त्रासदी '

  नौ महीने सींच खून से , जन्म उन्हें दिया होगा
     सोचो ! उन साठ नौनिहालों को माओं ने कैसे दफन किया होगा ?

उनकी किलकारी ने उनके आंगन को , महकाया होगा
     क्या बीती होगी माओं पर ,जब मृत देह को उठाया होगा ?

निरोगी रखने उसकी काया , वो अस्पताल लाया होगा
      कैसे उस काया को , बाप ने मिट्टी में मिलाया होगा ?

स्वार्थ , कपट और राजनीति ने , नंगा नाच नचाया होगा
     खाली झोली में चंद सिक्कों से , चीखों को सिसकी में बदलवाया होगा .

अश्रुपूरित श्रद्धांजलि उन नन्हों के नाम जो शायद OXYGEN का मतलब भी नहीं जान पाए होंगे ...


अपना  ख्याल रखियेगा .....

Comments

  1. *समय की मांग है कि......*

    *दान पेटियां मंदिरो से निकाल कर हॉस्पिटल ओर स्कूल के सामने रखवा देनी चाहिये......*

    *ताकि ऑक्सीजन ओर शिक्षा दोनो मिले....*

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    1. बिलकुल सही ....और हो सके तो उसमें उनका भी आरक्षण करवा देना चाहिए जो कुछ रुपयों की खतिर मासूमों की जान की भी परवाह नही करते

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