छाप

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों ,

 कुछ दिन से आपसे बात नही हुयी , आप भी कुछ बेजार से रहे ...फिर आज मैंने सोचा कि बातचीत जारी रहनी चाहिए ..यूँ भी कहा जाता है कि बातचीत हर समस्या का समाधान है और चुप्पी रिश्तों का खात्मा ...और आपसे तो बहुत सी बातें करनी हैं आप जवाब नहीं भी देंगे तो क्या ...सुनेगें तो सही ना ..वो भी काफी है मन हल्का करने के लिए ...मेरी कोई न कोई बात तो आपके मन पर अपनी छाप छोड़ ही जाएगी ..बस साथ रहिएगा क्योंकि उसकी हम सब को जरूरत है ...

छाप से याद आया की हम यानि इस विशाल देश के स्वतंत्र नागरिक छाप छोड़ने में बहुत माहिर हैं ...कुछ उदाहरनो से अपनी बात को पुख्ता करना चाहूंगी ...किसी भी ऐतिहासिक या नव निर्मित इमारत को देखिये अपना नाम खोदकर या पान थूककर या इश्तेहार चिपकाकर या भद्दे कमेंट लिखकर ....कचरे के डिब्बे के बाहर कचरा फेंककर , उसके आस-पास थूककर ....थिएटर , ट्रेन , बस , स्कूल आदि आदि की सीट के नीचे कागज़,छिलके इत्यादि फेंककर...अपनी पवित्र पूजनीय नदियों में कचरा , मूर्तियाँ , लाश , जूठन और भी जाने क्या-क्या बहाकर ..या कहिये की जहाँ कहीं भी हम होते हैं या जाते हैं अपनी छाप छोड़ ही आतें हैं ...अगर बात देश के नेताओं , मंत्रियों की करें तो कोई  ...पूरे शहर को हाथियों की मूर्तियों से पटवाकर , कोई सरकारी बसों को भगवा रंगवाकर , कोई ओड-इवन का कांसेप्ट लाकर , कोई चलती चलाती मुद्रा को रातों रात बंदकर , कोई दुर्गा विसर्जन की तारिख बदलकर ...यानि हर कोई अपने तरीकों से अपनी छाप छोड़ रहा है ...

पर क्या ये छाप विश्व शांति की राह में , या देश को गौरव दिलाने की राह में , या हमारी अगली पीढ़ी का भविष्य सुधारने की राह में , देश में दिनों-दिन बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने की राह में या कि आगामी पौध के उज्जवल चारित्रिक और नैतिक उत्थान में सहायक है ...ईमानदारी से सोचियेगा क्योकि तभी आप आत्म - संतुष्टि के छोटेपन और छाप में अंतर कर पाएंगे ...

क्या हम दुसरे देशों की तरह सफाई पसंद , सभ्य , जागरूक नहीं हो सकते ??? क्या हम भी  जाति -धर्म और कौम और काम से उपर उठकर नहीं सोच सकते ????...हम क्यों अच्छाई के प्रतिशत में काफी पीछे हैं?? ...अपवाद हर जगह हैं ..और इसी वजह से आज जब अपने पढाये बच्चों को गंभीर मुद्दों पर विचार - विमर्श करते , अपनी राय देते सुनती हूँ उनकी उलब्धियों को देखती हूँ तो उम्मीद बंध जाती है ..

अपने आगे वालों के लिए , देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए , निजी-स्वार्थ से उपर उठकर आगे बढ़ने की लालसा में ..


आज के लिए इतना ही ..

अपना  ख्याल रखियेगा ....

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