Excuse me ! (माफ़ करियेगा)

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों ,

मेल-मुलाकातों , शादी - ब्याहों और दावतों का मौसम पूरे शबाब पर है ...अल्ल्लाह के फज़ल से (भगवान की कृपा से ) कुछ दावतों का invitation भी नसीब हुआ है .

कार्ड इंग्लिश और  हिंदी अलग-अलग भाषाओँ में मिले ...पर कुछ निमंत्रण पत्रों में सौभाग्यवती और आयुष्मान को इंग्लिश में पढ़कर वो फीलिंग नहीं आई जो हिंदी में आती है ...इसे मेरा old fashioned होना माना जा सकता है,
वैसे मैं नए तरीकों को अपनाने के प्रति खुली सोच रखती हूँ और whatsapp पर अपने सन्देश इंग्लिश वाले अक्षरों में हिंदी में ही लिख भी लेती हूँ , फिर भी जो मजा अपने blog में हिंदी लिखकर आपसे जुड़ने में आता है वो मैं ही समझ सकती हूँ ( वो बात अलग है कि इस हिंदी के चलते ही मैं बहुत सारे लोगो को अपने blog और facebook page से जोड़ नहीं पाई हूँ )....सोशल मीडिया जो कि आजकल संपर्क और अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ...वो भी 90% अंग्रेजी भाषी है ...पिछले दिनों एक दावत में बहुत सारे बेहतरीन कपड़ों , सजे चेहरों से रूबरू हुयी , कुछ सादा और संजीदा चेहरों ने ध्यान खींचा ...एक ग्रुप college going , अंग्रेजी भाषी , सुघढ़ शरीर वाले आधुनिक नौजवानों का भी था ...जो यदा कदा अपनी बातचीत में अंग्रेजी के अनर्गल शब्दों का बिंदास प्रयोग ऐसा सोचकर कर रहे थे कि ये भाषा उनकी उम्र से बड़े और पुराने लोगों की समझ से परे है ...काश ऐसा होता !
पार्टी में थोड़ी देर बाद आये एक बुजुर्ग जोड़े को अभिवादन कर आशीर्वाद लेने के लिए जब एक महिला ने अपनी बेटी को धीरे से पास जाकर पुकारा तो अचानक ही उसका जवाब कानों में पड गया '' Are you mad or what ? plz don't insist me for all this non sense here !'' ...माँ ये सोचकर ही वहां से हट गयी की बात उसके ही कानों में पड़ी है ...
 यहाँ ईमानदारी से सोचियेगा कि क्या आप कभी ऐसी स्थिति से  दो-चार नहीं हुए है जब किसी होटल , मेट्रो ,मॉल  बाज़ार, सिनेमाघर इत्यादि पर आपने किसी  हिंदी भाषी या हिंदी संस्कृति को दोयम दर्ज़ा मिलते हुए देखा हो ..क्योकि तभी आप इस अंग्रेजी के खोखले रूआब का असर जान पायेंगें ...

भाषा की जानकारी अच्छी है और बहु भाषी होना विशेषता है ...मेरी समझ से ये एक ऐसा आभूषण है जो हमारे व्यक्तित्व को तब और ज्यादा निखरता है जब सीरत भी नेक हो और भाषा की जानकारी जानकार को बेहतर होने का एहसास कराये ...कुछ भी कहिये जनाब कोई (भारतवासी) कितना भी अँगरेज़ हो जाये..लड़ाई में गाली तो हिंदी में ही बकता है ...oh no के साथ yaar ही लगाता है , you know आजकल ...भी काफी चलन में है .. जरूरत है स्वीकार करने की कि हम हिंदी भाषी हैं और अंग्रेजी ज्ञान हमारी knowledge  है ...और इस international language का प्रयोग हमारी quality है compulsion नहीं ...तभी तो free India के free citizen बनेगें ...क्या मतलब उस जानकारी का जो अपनों में बेगाना बना दे और सिर्फ प्रदर्शन के लिए हो ...जरूरत हो तो सब लाजमी है पर शर्त है कि आप इसका सही और सटीक इस्तेमाल सही जगह अपनी सुविधा और इच्छा
से करें.

आज के लिए बस इतना ही ...

अपना ख्याल रखियेगा ....







 

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