प्रशिक्षण ( training )

प्यार भरा नमस्कार दोस्तों ,

सोचा था आप लोगों से विचारों का आदान-प्रदान होगा तो कुछ नया सोचने ,समझने और जानने को मिलेगा , पर आपके विचारों और सुझावों से अवगत नहीं हो पाई ...फिर सोचा कोई नहीं शायद आपके पास समय का अभाव रहा होगा या मेरे उठाये गए मुद्दों पर कोई विशेष टिपण्णी नहीं रही होगी ....खैर छोडिये ..

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े होने के कारण बच्चों की समस्याओं , उनकी तरक्की , उनके उचित विकास और सही मार्गदर्शन की बातों पर मेरा  ज्यादा ध्यान रहता है ....आप सब भी शायद ये महसूस करते होंगे कि आज शिक्षा संस्थानों का माहौल पहले जैसा तो कतई नहीं रहा ...ना तो वैसे गुरु हैं नाही पहले जैसे छात्र और हाँ अब पहले .जैसे अभिभावक भी कहाँ रहे !
ईमानदारी से सोचियेगा क्योकि तभी आप बतौर माँ-बाप या परिचित याद कर पायेंगे कि टीचर की डांट या सजा पर शायद कभी आपने भी बच्चे की हिमायत करते हुए टीचर को समझाने , सबक सीखाने या फिर उसकी शिकायत ऊपर तक करने की बात की हो या इस बात का समर्थन किया हो कि ' teacher has no right to be strict with the child or he/she is not supposed to scold , beat or punish the child for any reason '.

आजकल पढाई , पढ़ने के तरीके , पढ़ाने की तकनीक सभी कुछ वैज्ञानिक हो गया है ...वो बात अलग है कि आज भी अधिकतर वो शिक्षक जिन्हें बार-बार ट्रेनिंग नहीं दी जाती थी और जो परम्परागत तकनीक से ही पढ़े हैं ज्यादा सफल हैं ...इसमें तनिक शक नहीं कि आधुनिक शिक्षा बालक को एक व्यक्तित्व मान कर उसी पर , उसके समग्र विकास पर केन्द्रित की जा रही है ...और इसी वजह से आज के शिक्षकों को समय-समय पर विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग देकर ज्यादा सार्थक बनाया जा रहा है , इसका असर भी यकीनन होगा पर जिस अनुपात में होना चाहिए उसमें तब तक नहीं होगा जब तक कि माता-पिता के लिए भी अनिवार्य ट्रेनिंग सेशन न चलाऐ जाएँ ...बच्चों को सकुशल , सफल , समझदार नागरिक बनाने का जिम्मा सिर्फ स्कूलों (जहाँ वो 6/7/8/ घंटें रहते हैं ) पर छोड़ा नहीं जा सकता ...घर में बिताये जाने वाले १२-१४ घंटों की जिम्मेदारी और उस समय बच्चों को दिए जाने वाले उचित मार्गदर्शन की जवाबदारी घरवालों को लेनी ही चाहिए ...बच्चों के सामने टीचर को धमकाना , या टीचर द्वारा बच्चे को अपनी जागीर मान लेना और उसको शर्मिंदा करना कहीं भी न्यायसंगत नहीं हैं ...ये हरकतें उन सब ट्रेनिंग्स पर भारी है जो टीचरों में सुधार लाने  के लिए दी जा रही हैं....माता-पिता का भी ट्रेन्ड होना भी उतना ही जरूरी है ...तभी तो आन्तरिक और बाहरी , सामाजिक और शैक्षिक विकास सम्भव होगा ...

माता-पिता को भी शिक्षा की सही तकनीक और उसके सही कार्यान्वयन की  जानकारी उपलब्ध हो इसी कामना के साथ ,
आज के लिए बस इतना ही ...

अपना ध्यान रखियेगा ...




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