फलसफा - ए -जिंदगी
प्यार
भरा नमस्कार दोस्तों ,
वो
कहते हैं , अरे! ठीक है काम तो चल रहा है , सही बात भी है काम कभी नहीं रुकता ,
रुकता है ‘ मन’ , जी हाँ मन ! ये मन ही तो है जो रूक जाता है और फिर सबको हैरान
करता है .....कभी किसी लालच में , कभी किसी के प्यार में , कभी किसी से नफरत
में , कभी किसी सपने में , कभी किसी लालसा
में , कभी गुस्से में , और कभी इंतजार या उम्मीद में .... और जनाब एक बार रूका
तो फिर जिद पकड़ लेता है , दिमाग की भी नही सुनता .
कहते
हैं दिल और दिमाग साथ – साथ नही चलते , पर कभी – कभी वो भी एक दूसरे से कदम मिला
लेते हैं लेकिन ये जो मन है वो अडियल है ...नहीं नही मन और दिल को एक न समझें
...वो जो दिल और दिमाग को जोड़ता है ना उसी तार के बीच में कहीं अटका होता है मन
...और जैसे ही दिल दिमाग कहीं साथ होने का सोचते हैं ये अपना अलग राग शुरू कर देता
है ... दिल ने कहा फलां अच्छा है , दिमाग ने तर्क दिया इसमें क्या अच्छा है ? दिल
ने समझाया और अपना पक्ष रखा तो दिमाग ने कसौटी पर कसा , थोडा न- नुकुर के बाद चलो
राजी भी हो गया , किन्तु ये क्या ! मन ने कहा ‘’ ना ‘’ ...होगा कोई लाख अच्छा ,
होंगी बहुत- सी खूबियाँ , पर मन नही मान रहा ...और लो सब बेकार !
बात
कोई भी हो मन का राजीनामा जरूरी है ...नफरत को प्यार , गुस्से को मुस्कुराहट ,
प्यार को घृणा में बदलने की सारी ताकत इस मन में है ,जो ना तो जीव-विज्ञानं में
पढ़ाया जाता है , ना शब्दकोश में पाया जाता है ... पर होता बहुत अर्थपूर्ण और
ताक़तवर है , अच्छे अच्छों को नचा डालता है ...जिसने मन पर काबू कर लिया साधू हो गया , जो मन के काबू में
हो गया वो कभी सफल भी हुआ.. तो कभी शैतान भी हो गया .
अब
किया भी क्या जाये बस ये ही सोचकर संतोष किया जा सकता है कि एक प्रेरणादायक लेख
में साफ़ लिखा था कि इंसान तब तक दुखी है जब तक मान रहा है कि जो कुछ हो रहा है मैं
कर रहा हूँ , जिस पल मान लेगा कि सबकुछ ऊपरवाला करवा रहा है , उसी क्षण दुःख का
निवारण हो जायेगा ...(और मन का बोझ और मन की करने का दवाब भी कम हो जायेगा
शायद )इसीलिए इन लाइनों को दोहरा कर सुकून पाया जा सकता है ..(मेरी कोशिश है किसी
की पंक्तियों से प्रेरित )
‘’मन
का मन से राबता , मन की मन से प्रीत
मन
जिद्दी , मन बावरा , मन बहुत ही ढीठ
मन
के हारे हार है , मन के जीते जीत “ JJJ
आज
के लिए बस इतना ही –‘ हर मुराद पूरी हो हर एक की ताकि ,कोई काश किसी के मन में
न रहे बाकी’
अपना
ख्याल रखियेगा ....
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