सन्देश ( whatsapp के !)
प्यार
भरा नमस्कार दोस्तों ,
आप
भी जरूर whatsapp के उपभोक्ता होंगे ..
यदि आपका जवाब ‘ ना ‘ है तो मैं आपको पिछड़ा नही सुरक्षित कहूँगी ! क्यों ??
क्योंकि whatsapp के संदेशों के जरिये आजकल समाज को भीड़ में बदलने का जो नया शगल
शुरू हुआ है वो यकीनन चिंताजनक है ... समाचार पत्रों / टी.वी./ या अन्य माध्यमों से आपको भी समाज के नए रूप ‘’ भीड़ तंत्र ‘’ और उसके विनाशकारी , अमानवीय ,
आतंककारी और घिनौने कामों की जानकारी अवश्य ही मिलती होगी !
कितना
अजीब है कि ‘’ सत्यमेव जयते ‘’, ‘’ अहिंसा परमो धरम ‘’ और ‘’ असत्य पर सत्य की जीत
’’ में सदियों से भरोसा करने वाला , धार्मिक , सांस्कृतिक , पारम्परिक रीति-रिवाजों
, धरोहरों से भरपूर हमारा समाज आज बीमार और संक्रमित है ... संदेह , अविश्वास ,
अत्याचार , अनैतिक व्यहवार ही वो संक्रमण हैं जिन्होंने सहज बुध्ही को हर लिया है
... सालों पहले धीरुभाई अम्बानी ने एक नारा एक सकारात्मक सोच के साथ बनाया था ‘’
कर लो दुनिया मुट्ठी में ‘’ इसके पीछे उनकी सोच कितनी सापेक्ष और वृहद थी !! पर
उसी के विपरीत एक और वृहद सोच जो पूर्णतया
नकारात्मक है ,जो है कुछ कुटिल , सत्ता लोभी , कुत्सित लोगों की जो दुनिया को
मुट्ठी में तो करना चाहते हैं ...पर समाज का विघटन करके ..धर्म / सम्प्रदाय आदि के
नाम पर .. दिमागों को निर्देशित , आदेशित , संघटित करना चाहते हैं ... अपनी
विक्षिप्त मानसिकता को प्रसारित करते हैं और इस प्रसार का ही रूप है वो संदेश जो
मानव को रोबोट में तब्दील कर रहे हैं जिनमें मानवता , सम्वेदनाओं , भावनाओं और
विचारों की कोई जगह नहीं है ... वो पूरी तरह पराधीन , विवेकहीन , विचारहीन लोग हैं
! वो किंचित भी दया के पात्र नही हैं चूँकि वो घातक , घिनौने और खतरनाक हैं ...
यधपि वो स्वयं शिकार हैं समाज की कुरीतियों और कमियों के और कमजोर और छोटी
मानसिकता रखने वाले हैं इसीलिए इन संदेशों को आत्मसात करते हैं इन पर इतना क्रूर
प्रतिक्रिया देते हैं !
बहुत
चिंता का विषय है और बहुत गंभीर भी ! क्योंकि घर से निकलना , लोगों के बीच जाना
हमारी दिनचर्या और दैनिक जरूरत है और पता नही कब कौन सा सन्देश समाचार की जगह
सनसनी और संहार का कारण बनेगा कोई नहीं जानता !
इन
संदेशों का को पढ़कर बिना विचार किये इनको सच समझ कर भीड़ का हिस्सा बन विनाश ,
हत्या या किसी और कुकृत्य में भागीदारी देने वालों के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की
प्रार्थना के साथ आज के लिए इतना ही .....
अपना
ख्याल रखियेगा ...
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